फाइमोसिस: कारण, लक्षण, निदान और उपचार

फाइमोसिस एक ऐसी स्थिति है जो लिंग की चमड़ी (प्रीप्यूस) को प्रभावित करती है, जिसमें इसे लिंग के सिर (ग्लान्स) से पीछे खींचना मुश्किल या असंभव हो जाता है। यह समस्या बच्चों में जन्मजात हो सकती है और कई बार उम्र के साथ ठीक हो जाती है, लेकिन वयस्कों में यह गंभीर लक्षणों के साथ सामने आ सकती है। इस लेख में, हम बच्चों और वयस्कों में फाइमोसिस के बारे में विस्तार से जानेंगे और यह समझेंगे कि डॉ. विजयंत गोविंद गुप्ता जैसे विशेषज्ञ इस समस्या के लिए आधुनिक और प्रभावी उपचार, जैसे ZSR Circumcision, कैसे प्रदान करते हैं। यह लेख आपको इस स्थिति को समझने और इसके समाधान के लिए एक स्पष्ट मार्गदर्शन देगा।

फाइमोसिस क्या है? – Phimosis meaning in Hindi

फाइमोसिस तब होता है जब लिंग की चमड़ी इतनी तंग या सख्त हो जाती है कि उसे पीछे खींचना संभव नहीं होता। यह स्थिति आमतौर पर खतनारहित (अनसर्कमसाइज़्ड) बच्चों और वयस्कों में देखी जाती है। सामान्य तौर पर, चमड़ी को आसानी से पीछे खींचकर लिंग के सिर को पूरी तरह से उजागर किया जा सकता है, लेकिन फाइमोसिस में ऐसा नहीं हो पाता। बच्चों में यह एक प्राकृतिक स्थिति हो सकती है, जो समय के साथ ठीक हो जाती है, लेकिन जब यह दर्द, सूजन या सफाई में परेशानी जैसे लक्षण पैदा करती है, तो यह चिंता का कारण बन जाती है।

फाइमोसिस के प्रकार – Types of Phimosis in Hindi

फाइमोसिस को दो मुख्य प्रकारों में बांटा जाता है:

  1. फिजियोलॉजिक फाइमोसिस: यह बच्चों में जन्म से मौजूद होती है और आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ अपने आप ठीक हो जाती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है और इसमें चिंता की कोई बात नहीं होती।
  2. पैथोलॉजिक फाइमोसिस: यह स्थिति संक्रमण, सूजन, चोट या निशान के कारण होती है। यह बच्चों और वयस्कों दोनों में हो सकती है और इसके लिए चिकित्सीय हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ सकती है।

बच्चों में फाइमोसिस – Bacho me Phimosis in Hindi

लगभग सभी नवजात शिशुओं में फिजियोलॉजिक फाइमोसिस होता है, क्योंकि उनकी चमड़ी जन्म के समय लिंग के सिर से जुड़ी होती है। यह एक प्राकृतिक अवस्था है और आमतौर पर 2 से 6 साल की उम्र तक चमड़ी धीरे-धीरे अलग होकर ढीली हो जाती है। हालांकि, कुछ मामलों में यह स्थिति बनी रह सकती है या जटिलताएं पैदा कर सकती है। बच्चों में फाइमोसिस के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  • पेशाब करते समय गुब्बारे जैसी सूजन (चमड़ी में हवा भरना)
  • पेशाब की धार में कमजोरी या बूंद-बूंद पेशाब निकलना
  • चमड़ी के नीचे स्मेग्मा का जमाव
  • बार-बार मूत्र मार्ग में संक्रमण (UTI)

बच्चों में फाइमोसिस को लेकर माता-पिता को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर यह लक्षण पैदा करे या 6 साल की उम्र के बाद भी ठीक न हो, तो विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।

वयस्कों में फाइमोसिस – Phimosis in Adult in Hindi

वयस्कों में फाइमोसिस आमतौर पर पैथोलॉजिक होता है और इसके कई कारण हो सकते हैं। यह स्थिति तब गंभीर हो सकती है जब यह दैनिक जीवन, स्वच्छता या यौन स्वास्थ्य को प्रभावित करे। वयस्कों में इसके लक्षणों में शामिल हैं:

  • चमड़ी को पीछे खींचने में दर्द या असमर्थता
  • सूजन, लालिमा या त्वचा का रंग बदलना
  • संभोग के दौरान असहजता या दर्द
  • पेशाब में परेशानी

फाइमोसिस के कारण – Causes of Phimosis in Hindi

फाइमोसिस के कारण बच्चों और वयस्कों में अलग-अलग हो सकते हैं:

  • बच्चों में: जन्मजात तंग चमड़ी, जो समय के साथ ढीली न हो।
  • वयस्कों में:
    • संक्रमण (यौन संचारित रोग या बैक्टीरियल)
    • त्वचा रोग (एक्जिमा, सोरायसिस, लाइकेन स्क्लेरोसस)
    • चोट या निशान ऊतक
    • खराब स्वच्छता

फाइमोसिस का इलाज – Phimosis Treatment in Hindi

फाइमोसिस का उपचार इसकी गंभीरता और कारण पर निर्भर करता है। सामान्य उपचारों में शामिल हैं:

  1. कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम: हल्के मामलों में, यह क्रीम चमड़ी को नरम और लचीला बनाने में मदद करती है। इसे नियमित रूप से लगाने और धीरे-धीरे चमड़ी को खींचने की सलाह दी जाती है।
  2. एंटीबायोटिक्स: यदि संक्रमण है, तो इसे ठीक करने के लिए दवाएं दी जाती हैं।
  3. सर्जरी: जब अन्य उपाय काम न करें, तो सर्जरी ही अंतिम विकल्प होता है। इसमें खतना (सर्कमसिजन) सबसे आम प्रक्रिया है।

ZSR सर्कमसिजन: ZSR Circumcision Treatment In Hindi

ZSR Circumcision फाइमोसिस के लिए एक उन्नत और कम दर्दनाक सर्जिकल तकनीक है। यह पारंपरिक खतने से अलग है, क्योंकि इसमें सिलाई की आवश्यकता नहीं होती। डॉ. विजयंत गोविंद गुप्ता इस तकनीक के विशेषज्ञ हैं और इसे सफलतापूर्वक लागू करते हैं। इसके मुख्य लाभ हैं:

  • कम समय: यह प्रक्रिया केवल 10-15 मिनट में पूरी हो जाती है।
  • न्यूनतम दर्द: इसमें स्थानीय संज्ञाहरण का उपयोग होता है, और रोगी को ज्यादा असहजता नहीं होती।
  • तेज रिकवरी: पारंपरिक खतने की तुलना में रिकवरी तेज होती है, और मरीज कुछ ही दिनों में सामान्य जीवन में लौट सकता है।
  • सुरक्षित और प्रभावी: इसमें स्टेपलर डिवाइस का उपयोग होता है, जो चमड़ी को सटीकता से हटाता है और जटिलताओं का जोखिम कम करता है।

फाइमोसिस की रोकथाम

फिजियोलॉजिक फाइमोसिस को रोका नहीं जा सकता, लेकिन पैथोलॉजिक फाइमोसिस से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • नियमित रूप से चमड़ी को पीछे खींचकर हल्के साबुन और पानी से साफ करें।
  • साफ अंडरवियर पहनें और व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें।
  • यौन संबंधों के दौरान कंडोम और स्नेहक का उपयोग करें।

फाइमोसिस बच्चों और वयस्कों दोनों में एक आम समस्या है, लेकिन इसके प्रभावी और सुरक्षित समाधान मौजूद हैं। बच्चों में यह ज्यादातर समय के साथ ठीक हो जाता है, लेकिन अगर लक्षण दिखें, तो उपचार जरूरी है। वयस्कों में, ZSR Circumcision जैसी आधुनिक तकनीकें इस समस्या को तेजी से हल कर सकती हैं। डॉ. विजयंत गोविंद गुप्ता इस क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता से रोगियों को बेहतर जीवन प्रदान करते हैं। यदि आपको या आपके बच्चे को यह समस्या है, तो देर न करें—आज ही डॉ. विजयंत गोविंद गुप्ता से संपर्क करें।

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