गुर्दे की पथरी: लक्षण, कारण, उपचार और बचाव

गुर्दे की पथरी (Kidney Stone) एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जो आजकल आम होती जा रही है। यह छोटे, कठोर क्रिस्टल होते हैं जो गुर्दे या मूत्र पथ में बनते हैं और कई बार असहनीय दर्द का कारण बन सकते हैं। हालांकि यह स्थिति गंभीर हो सकती है, लेकिन सही जानकारी, समय पर उपचार और जीवनशैली में बदलाव के साथ इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित और रोका जा सकता है। डॉ. विजयंत गोविंद गुप्ता, एक प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट, इस क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के साथ मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं। इस लेख में हम गुर्दे की पथरी के बारे में विस्तार से जानेंगे और इसके प्रबंधन के लिए उपयोगी सुझाव प्राप्त करेंगे।

किडनी स्टोन क्या है? (What is Kidney Stone in Hindi)

किडनी स्टोन गुर्दे में बनने वाले कठोर पदार्थ होते हैं, जो खनिजों और लवणों के जमा होने से बनते हैं। जब मूत्र में कैल्शियम, ऑक्सलेट, यूरिक एसिड या अन्य तत्वों की मात्रा असंतुलित हो जाती है, तो ये क्रिस्टल के रूप में जमने लगते हैं और धीरे-धीरे पथरी का आकार लेते हैं। यह पथरी आकार में छोटी हो सकती है, जो पेशाब के साथ आसानी से निकल जाती है, या बड़ी हो सकती है, जिसके लिए चिकित्सकीय हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ती है। डॉ. विजयंत गोविंद गुप्ता के अनुसार, इस समस्या का समय पर निदान और इलाज बेहद जरूरी है ताकि जटिलताओं से बचा जा सके।

किडनी स्टोन के लक्षण (Symptoms of Kidney Stone in Hindi)

कई बार छोटे स्टोन बिना किसी परेशानी के निकल जाते हैं, लेकिन जब ये मूत्रवाहिनी (यूरीटर) में फंस जाते हैं या मूत्र प्रवाह में रुकावट पैदा करते हैं, तो लक्षण स्पष्ट होने लगते हैं। निम्नलिखित कुछ प्रमुख लक्षण हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:

  • तीव्र दर्द: यह दर्द आमतौर पर पीठ के निचले हिस्से, पेट या कमर में होता है और कभी-कभी जांघ तक फैल सकता है। दर्द की तीव्रता समय के साथ बदलती रहती है।
  • पेशाब में असुविधा: पेशाब करते समय जलन या दर्द होना एक आम संकेत है।
  • खून का मिश्रण: पेशाब का रंग गुलाबी, लाल या भूरा हो सकता है, जो पथरी के कारण मूत्र पथ में होने वाली जलन को दर्शाता है।
  • मतली और उल्टी: दर्द के साथ ये लक्षण भी हो सकते हैं।
  • बार-बार पेशाब की जरूरत: मूत्राशय में जलन के कारण ऐसा महसूस हो सकता है।
  • बुखार: यदि पथरी के साथ संक्रमण (इंफेक्शन) हो जाए, तो बुखार और ठंड लगना भी संभव है।

डॉ. गुप्ता सलाह देते हैं कि यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, खासकर तेज दर्द या बुखार, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।

किडनी स्टोन के प्रकार (Types of Kidney Stone in Hindi)

गुर्दे की पथरी कई प्रकार की होती है, और इनका निर्माण विभिन्न कारणों से होता है। इनके प्रकारों को समझना उपचार और रोकथाम में मदद करता है:

  1. कैल्शियम स्टोन: सबसे आम प्रकार, जो कैल्शियम ऑक्सलेट या कैल्शियम फॉस्फेट से बनते हैं। ऑक्सलेट युक्त भोजन (जैसे पालक, बादाम) और पानी की कमी इसके कारण हो सकते हैं।
  2. यूरिक एसिड स्टोन: ये तब बनते हैं जब मूत्र बहुत अम्लीय हो जाता है, खासकर अधिक मांसाहारी भोजन करने वालों में।
  3. स्ट्रुवाइट स्टोन: मूत्र पथ के संक्रमण से जुड़े होते हैं और तेजी से बढ़ सकते हैं।
  4. सिस्टीन स्टोन: यह दुर्लभ प्रकार है और सिस्टिनुरिया नामक आनुवंशिक स्थिति के कारण होता है।

डॉ. विजयंत गोविंद गुप्ता बताते हैं कि पथरी के प्रकार का पता लगाना उपचार की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होता है।

किडनी स्टोन के कारण (Causes of Kidney Stone in Hindi)

कई कारक गुर्दे की पथरी के निर्माण में योगदान देते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • अपर्याप्त पानी का सेवन: कम पानी पीने से मूत्र गाढ़ा हो जाता है, जिससे खनिज जमा होने लगते हैं।
  • आहार: अधिक नमक, प्रोटीन, या ऑक्सलेट युक्त भोजन इसका जोखिम बढ़ा सकता है।
  • आनुवंशिकता: यदि परिवार में यह समस्या रही हो, तो खतरा अधिक होता है।
  • स्वास्थ्य स्थिति: मधुमेह, मोटापा, या हाइपरपैराथायराइडिज्म जैसी बीमारियां भी कारण बन सकती हैं।
  • जीवनशैली: गतिहीन जीवनशैली और कुछ दवाएं भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।

डॉ. गुप्ता के अनुसार, इन कारणों को समझकर अपनी दिनचर्या में बदलाव करना इस समस्या से बचने का पहला कदम है।

किडनी स्टोन का उपचार (Kidney Stone Treatment in Delhi, in Hindi)

किडनी स्टोन का इलाज इसके आकार, प्रकार और मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। डॉ. विजयंत गोविंद गुप्ता निम्नलिखित उपचार विकल्पों की सलाह देते हैं:

  1. प्राकृतिक तरीका: छोटे स्टोन (5 मिमी से कम) को पर्याप्त पानी पीने और दर्द निवारक दवाओं के साथ बाहर निकाला जा सकता है।
  2. दवाइयाँ: कुछ दवाएं पथरी को तोड़ने या मूत्र को कम अम्लीय बनाने में मदद करती हैं।
  3. ESWL (एक्सट्राकॉर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी): ध्वनि तरंगों से पथरी को तोड़ा जाता है।
  4. यूआरएसएल (यूरेटरोस्कोपी): एक पतली ट्यूब से पथरी को हटाया जाता है।
  5. पीसीएनएल (पर्क्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी): बड़े स्टोन के लिए सर्जरी की जाती है।

डॉ. गुप्ता का कहना है कि आधुनिक तकनीकों ने उपचार को सुरक्षित और प्रभावी बना दिया है, लेकिन विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है।

किडनी स्टोन से बचाव (Kidney Stone Treatment in Hind)

किडनी स्टोन का इलाज इसके आकार, प्रकार और मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। डॉ. विजयंत गोविंद गुप्ता निम्नलिखित उपचार विकल्पों की सलाह देते हैं:

  1. प्राकृतिक तरीका: छोटे स्टोन (5 मिमी से कम) को पर्याप्त पानी पीने और दर्द निवारक दवाओं के साथ बाहर निकाला जा सकता है।
  2. दवाइयाँ: कुछ दवाएं पथरी को तोड़ने या मूत्र को कम अम्लीय बनाने में मदद करती हैं।
  3. ESWL (एक्सट्राकॉर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी): ध्वनि तरंगों से पथरी को तोड़ा जाता है।
  4. यूआरएसएल (यूरेटरोस्कोपी): एक पतली ट्यूब से पथरी को हटाया जाता है।
  5. पीसीएनएल (पर्क्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी): बड़े स्टोन के लिए सर्जरी की जाती है।

डॉ. गुप्ता का कहना है कि आधुनिक तकनीकों ने उपचार को सुरक्षित और प्रभावी बना दिया है, लेकिन विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है।

गुर्दे की पथरी से बचाव (Prevention of Kidney Stone in Hindi)

रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर होती है। निम्नलिखित सुझाव अपनाकर आप इस समस्या से बच सकते हैं:

  • पानी की मात्रा बढ़ाएं: दिन में 2.5-3 लीटर पानी पिएं ताकि मूत्र पतला रहे।
  • संतुलित आहार: नमक, चीनी और प्रोटीन का सेवन कम करें। नींबू पानी और संतरे का रस सिट्रेट प्रदान करते हैं, जो पथरी को रोकने में मदद करता है।
  • व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधि मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखती है।
  • नियमित जांच: यदि आपको पहले पथरी हुई है, तो समय-समय पर जांच करवाएं।

डॉ. विजयंत गोविंद गुप्ता जोर देते हैं कि स्वस्थ जीवनशैली ही सबसे बड़ा बचाव है।

गुर्दे की पथरी एक चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है, लेकिन सही जानकारी और विशेषज्ञ मार्गदर्शन से इसे आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है। डॉ. विजयंत गोविंद गुप्ता जैसे अनुभवी यूरोलॉजिस्ट आधुनिक तकनीकों और व्यक्तिगत देखभाल के साथ मरीजों को राहत प्रदान करते हैं। यदि आपको पथरी के लक्षण दिखें, तो देर न करें और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। स्वस्थ गुर्दे स्वस्थ जीवन की नींव हैं।

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