वेरिकोसील (Varicocele): कारण, लक्षण, निदान और उपचार

वेरिकोसील (Varicocele Treamtment in Delhi) पुरुषों की अंडकोष की नसों में एक ऐसी स्थिति है, जिसमें नसें फैल जाती हैं या सूज जाती हैं। यह समस्या वैरिकोज़ वेन्स (varicose veins) जैसी होती है, जो आमतौर पर पैरों में देखी जाती हैं। वेरिकोसील में, अंडकोष की त्वचा की थैली (स्क्रोटम) में मौजूद नसें – विशेष रूप से पम्पिनीफॉर्म प्लेक्सस (Pampiniform Plexus) – असामान्य रूप से फैल जाती हैं और खून का बहाव प्रभावित हो जाता है।

यह स्थिति प्रजनन क्षमता (fertility) पर सीधा असर डाल सकती है और यह पुरुष बांझपन का एक प्रमुख कारण है। शोधों के अनुसार, लगभग 40% पुरुष जो बांझपन से ग्रसित होते हैं, उनके शरीर में वेरिकोसील पाया गया है।

वेरिकोसील क्या है? – Varicocele Treatment In Hindi

वेरिकोसील एक ऐसी स्थिति है जिसमें अंडकोष को खून ले जाने और वापस लाने वाली नसों में सूजन आ जाती है। ये नसें स्पर्मैटिक कॉर्ड (Spermatic Cord) के भीतर होती हैं, और इनका मुख्य कार्य अंडकोष में रक्त संचार को नियंत्रित करना होता है।

जब इन नसों के अंदर मौजूद वाल्व (valves) सही ढंग से काम नहीं करते, तो खून का प्रवाह रुक जाता है या उल्टी दिशा में बहने लगता है। इससे नसों में खून जमा होने लगता है और वे फूल जाती हैं। यह स्थिति ही वेरिकोसील कहलाती है।

वेरिकोसील होने के मुख्य कारण – Main Causes of Varicocele In Hindi

वेरिकोसील के सटीक कारणों का पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है, लेकिन चिकित्सकीय रूप से निम्नलिखित कारणों को प्रमुख माना गया है:

1. नसों के वाल्व की खराबी

अंडकोष की नसों में खून के एक दिशा में बहने को सुनिश्चित करने वाले वाल्व जब ठीक से कार्य नहीं करते, तो खून वापस नीचे की ओर बहने लगता है, जिससे नसें फूल जाती हैं।

2. शरीर की बनावट (Anatomical Structure)

बाएं अंडकोष की नस लंबी होती है और उसका रास्ता अधिक जटिल होता है, जिस कारण से वेरिकोसील ज्यादातर बाईं तरफ होता है। लगभग 90% वेरिकोसील के मामले बाएं अंडकोष में पाए जाते हैं।

3. स्क्रोटल नसों पर दबाव

लंबे समय तक खड़े रहने, भारी वजन उठाने या पेट की नसों पर दबाव बढ़ने से स्क्रोटल नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है, जिससे खून का बहाव बाधित होता है।

4. पास के अंगों का दबाव (Venous Compression)

कभी-कभी किडनी या आंतों जैसे पास के अंग, नसों को दबा देते हैं, जिससे खून का बहाव रुक सकता है।

वेरिकोसील के लक्षण – Symptoms of Varicocele in Hindi

बहुत से मामलों में वेरिकोसील बिना किसी लक्षण के भी हो सकता है और मरीज को इसका पता केवल सामान्य मेडिकल जांच या बांझपन की जांच के दौरान चलता है। लेकिन कई बार यह लक्षण प्रकट कर सकता है:

सामान्य लक्षण:
  • धीमा, सुस्त दर्द – खासकर लंबे समय तक खड़े रहने या व्यायाम के बाद।
  • स्क्रोटम में सूजन या भारीपन – विशेष रूप से एक तरफ (अधिकतर बाएं)।
  • “कीड़ों की थैली” जैसा अहसास – नसें हाथ लगाने पर रबर जैसी मुलायम और फैली हुई महसूस होती हैं।
  • अंडकोष का सिकुड़ना (Testicular Atrophy) – खून के ठहराव और अत्यधिक गर्मी से अंडकोष का आकार छोटा हो सकता है।
  • गर्मी महसूस होना या जलन – खासकर दिन के अंत में या गर्मी के मौसम में।

वेरिकोसील और पुरुष बांझपन का संबंध

वेरिकोसील, पुरुषों में बांझपन का एक बड़ा कारण है। इसका मुख्य कारण है अंडकोष का गर्म होना और ऑक्सीडेटिव तनाव, जिससे शुक्राणु की गुणवत्ता और संख्या प्रभावित होती है।

कैसे प्रभावित करता है:
  • अधिक तापमान: वेरिकोसील के कारण स्क्रोटल क्षेत्र में तापमान बढ़ता है, जो शुक्राणु निर्माण की प्रक्रिया (Spermatogenesis) को बाधित करता है।
  • DNA को क्षति: वेरिकोसील की वजह से ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ता है, जिससे शुक्राणु DNA को नुकसान पहुंच सकता है।
  • टेस्टोस्टेरोन स्तर में कमी: हार्मोनल असंतुलन से प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।

वेरिकोसील का निदान कैसे किया जाता है? – How to Diagnosed Varicocele in Hindi

1. शारीरिक परीक्षण:

डॉक्टर मरीज को खड़ा करके Valsalva maneuver करवाते हैं (गहरी सांस लेकर पेट में दबाव बनाना)। इससे वेरिकोसील उभरकर दिखाई देता है।

2. स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड:

यदि शारीरिक परीक्षण से स्पष्ट निदान न हो, तो अल्ट्रासाउंड किया जाता है। इसमें ध्वनि तरंगों की मदद से नसों की तस्वीर ली जाती है, जिससे सूजी हुई नसों को देखा जा सकता है।

वेरिकोसील का उपचार – Varicocele Treatment In Hindi

हर वेरिकोसील का इलाज आवश्यक नहीं होता। यदि यह लक्षण नहीं दे रहा है या बांझपन की वजह नहीं बन रहा है, तो केवल निगरानी पर्याप्त होती है। लेकिन निम्न परिस्थितियों में उपचार आवश्यक होता है:

  • लगातार दर्द या असहजता
  • अंडकोष का सिकुड़ना
  • शुक्राणु की गुणवत्ता में गिरावट या बांझपन

उपचार के विकल्प:

1. बिना सर्जरी के इलाज:
  • सहायक अंडरवियर पहनना
  • लंबे समय तक खड़े रहने से बचना
  • दर्द के लिए OTC दवाएं (जैसे आइबूप्रोफेन)

2. सर्जिकल उपचार:

A. वेरिकोसेलेक्टॉमी (Varicocelectomy):

इसमें प्रभावित नसों को बांधकर खून का प्रवाह रोक दिया जाता है।

  • ओपन सर्जरी – पेट के निचले हिस्से में चीरा लगाकर की जाती है।
  • माइक्रोसर्जरी – माइक्रोस्कोप की सहायता से नसों को सटीक रूप से बांधा जाता है, जिससे रिकवरी तेज और जटिलता कम होती है।
  • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी – छोटे चीरे और कैमरे की मदद से।
B. एम्बोलाइजेशन:

इसमें एक कैथेटर के जरिये प्रभावित नसों में कॉइल या दवा डाली जाती है, जिससे खून का बहाव रुक जाता है। यह प्रक्रिया कम दर्दनाक और जल्दी रिकवरी वाली होती है।

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सर्जरी के बाद रिकवरी और परिणाम

  • वेरिकोसेलेक्टॉमी के बाद मरीज कुछ ही दिनों में सामान्य गतिविधियाँ शुरू कर सकता है।
  • एम्बोलाइजेशन में रिकवरी और भी तेज होती है – कई मरीज अगले ही दिन काम पर लौट सकते हैं।
  • उपचार के 3 से 6 महीने में शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार दिखता है।
प्रजनन क्षमता में सुधार:
  • लगभग 70% पुरुषों में शुक्राणु की गुणवत्ता सुधरती है।
  • उपचार के बाद 30% से 50% तक जोड़ों में गर्भधारण की संभावना बढ़ती है।

वेरिकोसील के खतरे

यदि वेरिकोसील का इलाज समय पर न किया जाए, तो निम्न समस्याएं हो सकती हैं:

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वेरिकोसील की रोकथाम – How to Prevent Varicocele in Hindi

वेरिकोसील की रोकथाम पूरी तरह संभव नहीं है, क्योंकि यह शरीर की संरचना पर निर्भर करता है। फिर भी कुछ सावधानियाँ अपनाकर जोखिम को कम किया जा सकता है:

  • अत्यधिक गर्म वातावरण से बचें
  • ढीले व आरामदायक अंडरवियर पहनें
  • भारी वजन उठाने से बचें
  • अंडकोष की समय-समय पर जांच कराते रहें

वेरिकोसील एक सामान्य लेकिन नजरअंदाज की जाने वाली समस्या है, जो पुरुषों की प्रजनन क्षमता को गहराई से प्रभावित कर सकती है। यदि आपको स्क्रोटम में सूजन, दर्द, या बांझपन जैसी समस्या हो रही है, तो Dr. Vijayant Govinda Gupta जैसे एंड्रोलॉजी विशेषज्ञ से परामर्श लें।

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