डॉ. विजयंत गोविंदा गुप्ता द्वारा
Full Video > https://youtu.be/fVLMx-rOwRI
टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के लिए सबसे महत्वपूर्ण हार्मोन है, जो शरीर की कई महत्वपूर्ण क्रियाओं को नियंत्रित करता है। यह न केवल सेक्स ड्राइव, मसल्स, और ऊर्जा के लिए जरूरी है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और संपूर्ण जीवन शक्ति के लिए भी आवश्यक है।
1. टेस्टोस्टेरोन क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
- टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए कई भूमिकाएँ निभाता है:
- सेक्स ड्राइव और प्रदर्शन
- मसल्स और हड्डियों की ताकत बनाए रखना
- शुक्राणु उत्पादन और प्रजनन क्षमता
- मानसिक संतुलन और ऊर्जा
- डॉ. गुप्ता कहते हैं: “टेस्टोस्टेरोन सिर्फ मसल्स और सेक्स के बारे में नहीं है। यह मर्दानगी और जीवन की ऊर्जा का केंद्र है।”
2. कब कराना चाहिए टेस्टोस्टेरोन टेस्ट?
- यदि आपको निम्नलिखित लक्षण महसूस हो रहे हैं:
- थकान और ऊर्जा की कमी
- सेक्स ड्राइव में कमी
- मसल्स का कम होना
- वजन बढ़ना, खासकर पेट के आसपास
- मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन, या डिप्रेशन
- आपको अपने टेस्टोस्टेरोन लेवल की जाँच करानी चाहिए। 35 से 40 साल की उम्र के बाद हर पुरुष को बेसलाइन टेस्ट कराना चाहिए।
3. टेस्टोस्टेरोन टेस्ट कैसे होता है?
- यह एक सामान्य ब्लड टेस्ट है, जो सुबह 7 से 10 बजे के बीच किया जाता है, क्योंकि उस समय हार्मोन का स्तर सबसे ऊँचा होता है।
- हालांकि, डॉ. गुप्ता के अनुसार, “टेस्टिंग कभी भी की जा सकती है, लेकिन कई बार दोपहर या शाम में भी टेस्ट करके संपूर्ण जानकारी मिल सकती है।”
4. जीवनशैली का टेस्टोस्टेरोन पर प्रभाव
- आपकी जीवनशैली टेस्टोस्टेरोन पर गहरा प्रभाव डालती है:
- डाइट: खराब डाइट से टेस्टोस्टेरोन घटता है, जबकि संतुलित आहार उसे बढ़ाता है।
- तनाव: क्रॉनिक तनाव से टेस्टोस्टेरोन स्तर गिरता है।
- नींद: अच्छी नींद से टेस्टोस्टेरोन में सुधार होता है।
- व्यायाम: रेगुलर एक्सरसाइज, खासकर मसल्स ट्रेनिंग, टेस्टोस्टेरोन बढ़ाती है।
5. क्या सभी पुरुषों का टेस्टोस्टेरोन एक जैसा होता है?
- नहीं, उम्र, वजन, और बॉडी कम्पोज़िशन के अनुसार टेस्टोस्टेरोन का स्तर अलग-अलग होता है।
- कुछ पुरुषों में हार्मोन रिसेप्टर्स अधिक संवेदनशील होते हैं, जिससे उन्हें कम टेस्टोस्टेरोन पर भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
- डॉ. गुप्ता कहते हैं: “हर पुरुष के लिए एक सामान्य टेस्टोस्टेरोन स्तर नहीं हो सकता। हमें हर व्यक्ति के अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।”
6. अन्य हार्मोन जो टेस्टोस्टेरोन को प्रभावित करते हैं
- टेस्टोस्टेरोन के साथ अन्य हार्मोन भी शरीर में इसके कार्य पर प्रभाव डालते हैं:
- एस्ट्रोजन: अत्यधिक एस्ट्रोजन से टेस्टोस्टेरोन का प्रभाव कम हो सकता है।
- कोर्टिसोल: उच्च तनाव हार्मोन कोर्टिसोल टेस्टोस्टेरोन को दबा सकता है।
- थायरॉयड: थायरॉयड की समस्या से टेस्टोस्टेरोन का स्तर घट सकता है।
- इंसुलिन: इंसुलिन प्रतिरोध से टेस्टोस्टेरोन में गिरावट आ सकती है।
7. कम टेस्टोस्टेरोन के लक्षण
- कम टेस्टोस्टेरोन के सामान्य लक्षण हैं:
- लो सेक्स ड्राइव
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन
- मसल्स का कम होना
- वजन बढ़ना
- डिप्रेशन या चिड़चिड़ापन
डॉ. गुप्ता के अनुसार, अगर ये लक्षण दिखें तो टेस्टोस्टेरोन की जाँच कराना ज़रूरी है। सही समय पर टेस्टिंग से दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है।