प्रोस्टेट कैंसर (गदूद का कैंसर) और इसका इलाज

प्रोस्टेट कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो विशेष रूप से उम्रदराज पुरुषों में देखी जाती है। दिल्ली में प्रोस्टेट कैंसर उपचार, प्रोस्टेट बायोप्सी, और पुरुष स्वास्थ्य के क्षेत्र में डॉ. विजयंत गोविंदा गुप्ता एक प्रसिद्ध मूत्र रोग विशेषज्ञ (यूरोलॉजिस्ट) हैं। भारत सरकार से मान्यता प्राप्त, डॉ. गुप्ता दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद, और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अपनी विशेषज्ञ सेवाएँ प्रदान करते हैं। यह पृष्ठ प्रोस्टेट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण, निदान, और उपचार विकल्पों के बारे में विस्तृत जानकारी देता है। निःशुल्क परामर्श के लिए आप ई-मेल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं या नीचे दिए गए फॉर्म में अपना प्रश्न छोड़ सकते हैं।

प्रोस्टेट क्या है?

प्रोस्टेट (गदूद) एक छोटा, सेब के आकार का अंग है, जो मूत्राशय और मूत्रमार्ग (पाइप) के बीच पुरुषों में स्थित होता है। यह यौन अंग वीर्य के तरल हिस्से का उत्पादन करता है, जो शुक्राणुओं को पोषण और गतिशीलता प्रदान करता है। प्रोस्टेट को डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन (DRE) के माध्यम से जाँचा जा सकता है, जिसमें चिकित्सक गुदा के माध्यम से उंगली डालकर प्रोस्टेट के आकार, बनावट, और संभावित असामान्यताओं का आकलन करता है। उम्र बढ़ने के साथ, प्रोस्टेट में कैंसर का जोखिम बढ़ता है, जिसे समय पर निदान और उपचार से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।

प्रोस्टेट कैंसर क्या है?

प्रोस्टेट कैंसर प्रोस्टेट ग्रंथि की कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है। यह कैंसर मुख्य रूप से 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में देखा जाता है और उम्र बढ़ने के साथ इसका जोखिम बढ़ता है। प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण अक्सर गैर-विशिष्ट होते हैं, जिसके कारण इसका निदान मुश्किल हो सकता है। हालांकि, आधुनिक निदान तकनीकों, जैसे प्रोस्टेट बायोप्सी और सीरम PSA टेस्ट, के साथ समय पर पता लगाकर इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। दिल्ली में प्रोस्टेट कैंसर का उपचार अत्याधुनिक तकनीकों और विशेषज्ञ यूरोलॉजिस्ट, जैसे डॉ. विजयंत गोविंदा गुप्ता, द्वारा किया जाता है।

प्रोस्टेट कैंसर के कारण

प्रोस्टेट कैंसर के सटीक कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ कारक इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं:

  • उम्र: 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में जोखिम अधिक होता है।

  • पारिवारिक इतिहास: यदि परिवार में प्रोस्टेट कैंसर का इतिहास हो, तो जोखिम बढ़ता है।

  • आनुवंशिक कारक: BRCA1 या BRCA2 जीन में उत्परिवर्तन कैंसर का जोखिम बढ़ा सकते हैं।

  • जीवनशैली: धूम्रपान, अत्यधिक शराब, अस्वास्थ्यकर आहार, और मोटापा सामान्य स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन इनका प्रोस्टेट कैंसर से सीधा संबंध बहस का विषय है।

  • यौन संचारित रोग (STD): कुछ अध्ययनों में STD और प्रोस्टेट कैंसर के बीच संभावित संबंध देखा गया है।

हालांकि, कोई स्पष्ट जोखिम कारक न होने के बावजूद, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, जैसे संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और धूम्रपान-शराब से परहेज, सामान्य स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण गैर-विशिष्ट होते हैं और अन्य सामान्य बीमारियों, जैसे बेनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) या मूत्र मार्ग संक्रमण, से मिलते-जुलते हो सकते हैं। प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:

  • मूत्र संबंधी समस्याएँ:

    • बार-बार पेशाब जाना (विशेष रूप से रात में)।

    • पेशाब पर नियंत्रण की कमी (तात्कालिकता)।

    • पेशाब की धारा का कमजोर होना या पतली धारा।

    • पेशाब का रुक-रुक कर होना।

  • मूत्र में रक्त (रक्तमेह): पेशाब में खून दिखना।

  • मल त्याग में कठिनाई: कब्ज या मल त्याग के दौरान असुविधा।

  • हड्डियों में दर्द: पीठ, कमर, या कूल्हों में लगातार दर्द, जो कैंसर के उन्नत चरण में हड्डियों में फैलने का संकेत हो सकता है।

  • यौन समस्याएँ: नपुंसकता या स्खलन में कठिनाई।

सावधानी: ये लक्षण हमेशा कैंसर का संकेत नहीं होते। सटीक निदान के लिए तुरंत मूत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।

प्रोस्टेट कैंसर का निदान (Diagnosis)

दिल्ली में प्रोस्टेट कैंसर का निदान कई वैज्ञानिक और विश्वसनीय जांचों के माध्यम से किया जाता है। डॉ. विजयंत गोविंदा गुप्ता एक बहु-अनुशासनिक दृष्टिकोण अपनाते हैं, जिसमें शामिल हैं:

  1. डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन (DRE): प्रोस्टेट के आकार, बनावट, और असामान्य गांठों की जाँच के लिए गुदा में उंगली डालकर परीक्षा।

  2. सीरम PSA टेस्ट: रक्त में प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन (PSA) के स्तर को मापने वाला टेस्ट। उच्च PSA स्तर कैंसर या अन्य प्रोस्टेट समस्याओं का संकेत हो सकता है।

  3. प्रोस्टेट बायोप्सी (TRUS-Guided Biopsy): ट्रांस-रेक्टल अल्ट्रासाउंड (TRUS) की मदद से प्रोस्टेट से 12 नमूने लिए जाते हैं। यह बायोप्सी कैंसर की पुष्टि करती है और ग्लीसन स्कोर (6 से 10) के आधार पर कैंसर की आक्रामकता का आकलन करती है।

  4. MRI स्कैन: कैंसर के प्रसार और उपचार योजना के लिए प्रोस्टेट और आसपास के ऊतकों की विस्तृत इमेजिंग।

  5. बोन स्कैन: यदि कैंसर के हड्डियों में फैलने का संदेह हो, तो इसकी जाँच की जाती है।

प्रोस्टेट बायोप्सी की प्रक्रिया

प्रोस्टेट बायोप्सी एक डे-केयर प्रक्रिया है, जो स्थानीय संज्ञाहरण के तहत की जाती है और आमतौर पर दर्द रहित होती है। मूत्र रोग विशेषज्ञ TRUS की मदद से प्रोस्टेट से 12 छोटे ऊतक नमूने लेते हैं। प्रक्रिया में 15-20 मिनट लगते हैं, और मरीज कुछ घंटों में घर जा सकता है। बायोप्सी के परिणाम 2-3 दिनों में उपलब्ध होते हैं। संभावित दुष्प्रभावों में मामूली रक्तस्राव, हल्का दर्द, या बुखार शामिल हो सकता है, जो कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

प्रोस्टेट कैंसर का उपचार

दिल्ली में प्रोस्टेट कैंसर उपचार कैंसर के चरण, मरीज की उम्र, और सामान्य स्वास्थ्य के आधार पर किया जाता है। डॉ. विजयंत गोविंदा गुप्ता निम्नलिखित उपचार विकल्प प्रदान करते हैं:

  1. सक्रिय निगरानी (Active Surveillance): कम जोखिम वाले कैंसर के लिए, जहाँ नियमित PSA टेस्ट, DRE, और बायोप्सी के माध्यम से कैंसर की प्रगति पर नजर रखी जाती है।

  2. रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी: प्रोस्टेट ग्रंथि को शल्य चिकित्सा द्वारा हटाना। यह प्रारंभिक चरण के कैंसर के लिए प्रभावी है।

  3. रेडिएशन थेरेपी:

    • एक्सटर्नल बीम रेडिएशन: कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए बाहरी विकिरण।

    • ब्रैकीथेरेपी: प्रोस्टेट में रेडियोएक्टिव बीज प्रत्यारोपित किए जाते हैं।

  4. हार्मोन थेरेपी: टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करके कैंसर की वृद्धि को धीमा करना।

  5. कीमोथेरेपी: उन्नत कैंसर के लिए, जब यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है।

  6. इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी: नवीनतम उपचार, जो कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

निदान DRE, PSA टेस्ट, प्रोस्टेट बायोप्सी, और MRI के माध्यम से किया जाता है।

नहीं, यह स्थानीय संज्ञाहरण के तहत की जाती है और आमतौर पर दर्द रहित होती है।

हाँ, प्रारंभिक चरण में निदान होने पर पूर्ण उपचार संभव है। उन्नत चरणों में भी दीर्घकालिक प्रबंधन संभव है।

लागत उपचार के प्रकार पर निर्भर करती है। निःशुल्क परामर्श के लिए ई-मेल से संपर्क करें।

कोई निश्चित रोकथाम नहीं है, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली जोखिम को कम कर सकती है।

कुछ उपचार, जैसे सर्जरी, यौन कार्य को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन विशेषज्ञ मार्गदर्शन से इसे प्रबंधित किया जा सकता है।

प्रोस्टेट कैंसर एक गंभीर लेकिन उपचार योग्य स्थिति है। समय पर निदान और विशेषज्ञ उपचार, जैसे दिल्ली में प्रोस्टेट कैंसर उपचार, के साथ मरीज स्वस्थ और लंबा जीवन जी सकते हैं। डॉ. विजयंत गोविंदा गुप्ता के अनुभव और अत्याधुनिक तकनीकों के साथ, आप इस चुनौती को आत्मविश्वास के साथ पार कर सकते हैं। आज ही संपर्क करें और अपनी स्वास्थ्य यात्रा शुरू करें।

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