इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) – लक्षण और कारण

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ED) या नपुंसकता एक ऐसी समस्या है जो आजकल पुरुषों में तेजी से बढ़ रही है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्तर पर भी गहरा असर डालती है। कई लोग इसे छुपाते हैं या शर्मिंदगी महसूस करते हैं, लेकिन सच यह है कि इसके कारणों को समझकर और सही इलाज (Erectile Dysfunction Treatment In Delhi) लेकर इसे ठीक किया जा सकता है। इस ब्लॉग में हम इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारणों को विस्तार से समझेंगे और इसे बेहतर तरीके से हैंडल करने के लिए टिप्स भी देंगे। इसमें हम फिजिकल, लाइफस्टाइल, हार्मोनल और साइकोलॉजिकल कारणों पर चर्चा करेंगे।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्या है? – What is Erectile Dysfunction In Hindi

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) या नपुंसकता एक आम यौन समस्या है जिसमें पुरुष संभोग के दौरान उचित इरेक्शन (लिंग का खड़ा होना) प्राप्त करने या बनाए रखने में असमर्थ होते हैं। यह समस्या कभी-कभी हो सकती है, लेकिन अगर यह बार-बार हो रही है, तो यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लक्षण – Symptoms of Erectile Dysfunction in Hindi

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ED) एक ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुष को लिंग का तनाव (इरेक्शन) प्राप्त करने या बनाए रखने में कठिनाई होती है। यह समस्या कभी-कभी होना सामान्य है, लेकिन यदि यह बार-बार हो रही है, तो यह किसी शारीरिक या मानसिक समस्या का संकेत हो सकता है।

मुख्य लक्षण:

1️⃣ इरेक्शन पाने में कठिनाई – लिंग का पूरी तरह से खड़ा न होना।
2️⃣ इरेक्शन बनाए रखने में समस्या – संभोग के दौरान इरेक्शन जल्द खत्म हो जाना।
3️⃣ यौन इच्छा में कमी – सेक्स के प्रति रुचि कम हो जाना।
4️⃣ स्खलन से पहले ही इरेक्शन समाप्त हो जाना – समय से पहले लिंग का ढीला पड़ जाना।
5️⃣ सुबह के इरेक्शन (Morning Erection) का न होना – जो सामान्यतः स्वस्थ पुरुषों में देखा जाता है।

यदि ये लक्षण लगातार बने रहते हैं, तो आपको जल्द से जल्द किसी योग्य यूरोलॉजिस्ट या एंड्रोलॉजिस्ट से परामर्श लेना चाहिए।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण – Causes of Erectile Dysfunction in Hindi

ED के कई कारण हो सकते हैं जिन्हें शारीरिक (Physical), मानसिक (Psychological) और लाइफस्टाइल (Lifestyle) कारणों में बांटा जा सकता है।

1. शारीरिक कारण (Physical Causes)

शरीर की कुछ बीमारियाँ ED को जन्म दे सकती हैं:

🔹 ब्लड फ्लो की समस्या: इरेक्शन के लिए लिंग में सही मात्रा में रक्त प्रवाह होना जरूरी है। अगर धमनियों (arteries) में ब्लॉकेज हो या रक्त सही तरीके से न पहुँचे, तो इरेक्शन नहीं होगा।

🔹 हाई ब्लड प्रेशर (BP) और हार्ट डिजीज: हाई बीपी और हृदय रोग से रक्त वाहिकाएँ संकरी हो जाती हैं, जिससे लिंग तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुँचता।

🔹 डायबिटीज (Diabetes): डायबिटीज के कारण नसें और धमनियाँ कमजोर हो सकती हैं, जिससे इरेक्शन प्रभावित होता है।

🔹 हार्मोनल असंतुलन: टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हार्मोन) की कमी, थायरॉयड प्रॉब्लम, या अन्य हार्मोनल बदलाव ED का कारण बन सकते हैं।

🔹 नर्व डैमेज (नसों की क्षति): रीढ़ की हड्डी की चोट, स्ट्रोक, या कुछ न्यूरोलॉजिकल बीमारियाँ (जैसे पार्किंसंस और मल्टीपल स्क्लेरोसिस) लिंग में नसों की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती हैं।

🔹 मेडिकेशन के प्रभाव: बीपी की दवाएँ, एंटीडिप्रेसेंट्स, और नींद की गोलियाँ ED को बढ़ावा दे सकती हैं।

2. लाइफस्टाइल से जुड़े कारण (Lifestyle Causes)

आजकल की खराब जीवनशैली भी ED का एक बड़ा कारण बन रही है।

🔸 स्मोकिंग और शराब: धूम्रपान और अधिक शराब पीने से रक्त वाहिकाएँ संकरी हो जाती हैं, जिससे लिंग तक रक्त प्रवाह कम हो जाता है।

🔸 मोटापा (Obesity): अधिक वजन से टेस्टोस्टेरोन का स्तर घटता है और हार्ट व ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिससे ED हो सकता है।

🔸 एक्सरसाइज की कमी: नियमित व्यायाम से ब्लड फ्लो बेहतर होता है। फिजिकल एक्टिविटी की कमी से ब्लड सर्कुलेशन खराब होता है और इरेक्शन की समस्या हो सकती है।

🔸 अनहेल्दी डाइट: ज्यादा जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, और हाई-शुगर फूड्स खाने से मेटाबॉलिज्म खराब होता है, जिससे सेक्सुअल हेल्थ प्रभावित होती है।

🔸 पॉर्न की लत और अत्यधिक हस्तमैथुन: अत्यधिक पॉर्न देखने और बार-बार हस्तमैथुन करने से मस्तिष्क की यौन उत्तेजना पर प्रतिक्रिया कम हो सकती है, जिससे वास्तविक सेक्स के दौरान इरेक्शन में समस्या आ सकती है।

3. मानसिक और मनोवैज्ञानिक कारण (Psychological Causes)

यौन स्वास्थ्य केवल शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक स्थिति से भी जुड़ा होता है।

स्ट्रेस और एंग्जाइटी (तनाव और चिंता): काम का तनाव, पारिवारिक जिम्मेदारियाँ, और वित्तीय समस्याएँ मानसिक रूप से प्रभावित कर सकती हैं, जिससे यौन इच्छा कम हो सकती है।

परफॉर्मेंस एंग्जाइटी (Sexual Performance Anxiety): अगर किसी पुरुष को एक बार इरेक्शन की समस्या हुई हो, तो अगली बार भी उसके मन में डर बैठ सकता है कि फिर से न हो जाए। यह स्थिति ED को और गंभीर बना सकती है।

डिप्रेशन (Depression): अवसादग्रस्त व्यक्ति को यौन इच्छा कम हो सकती है और दवाइयाँ भी ED को बढ़ा सकती हैं।

रिश्तों में तनाव: अगर किसी रिश्ते में टकराव या विश्वास की कमी हो, तो ED की संभावना बढ़ सकती है।

Visit Our Men’s Health Website

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का समाधान क्या है? – Solution for Erectile Dysfunction in Hindi

फिजिकल हेल्थ को ठीक करें: हाई बीपी, डायबिटीज और हार्मोनल समस्याओं का सही इलाज करवाएँ।
लाइफस्टाइल में बदलाव करें: हेल्दी डाइट लें, रोज़ाना व्यायाम करें और धूम्रपान-शराब छोड़ें।
मेंटल हेल्थ को सुधारें: स्ट्रेस कम करने के लिए ध्यान (Meditation), योग, और रिलैक्सेशन तकनीकों का उपयोग करें।
डॉक्टर से सलाह लें: अगर समस्या लगातार बनी रहती है, तो एंड्रोलॉजिस्ट या यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें।

Read Also

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन केवल एक शारीरिक समस्या नहीं है बल्कि यह एक गंभीर स्वास्थ्य संकेत भी हो सकता है। यह हार्मोनल असंतुलन, खराब ब्लड सर्कुलेशन, लाइफस्टाइल और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। अगर आपको बार-बार ED की समस्या हो रही है, तो डॉक्टर विजयंत गोविंदा गुप्ता से सलाह ले सकते है। सही इलाज और जीवनशैली में सुधार से इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।

Share This Post

Scroll to Top